आखिर चीन चाहता कà¥à¤¯à¤¾ है?
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Rajeev ChoudharyDate
26-Jun-2020Category
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à¤à¤¾à¤°à¤¤ और चीन के सैनिकों के बीच पिछले दिनों लदà¥à¤¦à¤¾à¤– की गलवान घाटी में हà¥à¤ खूनी संघरà¥à¤· में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना के 20 जवान शहीद हो गà¤. इस तनाव के बाद से देश में गà¥à¤¸à¥à¤¸à¥‡ का माहौल है और चीन को कड़ा जवाब देने की आवाज उठरही है. à¤à¤¸à¥‡ में सवाल है कà¥à¤¯à¤¾ चीन के साथ यà¥à¤¦à¥à¤§ होगा. अगर यà¥à¤¦à¥à¤§ हà¥à¤† तो à¤à¤¾à¤°à¤¤ के साथ कौन कौन देश खड़ा होगा, और हर बार धमकियों तक सिमित रहने वाला चीन अबकी बार इतने आगे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ बॠगया ?
अगर à¤à¤¾à¤°à¤¤ अपनी रकà¥à¤·à¤¾ के लिठआगे बà¥à¤¤à¤¾ है तो कौन कौन देश à¤à¤¾à¤°à¤¤ का सहयोग करेंगे. तो जवाब ये है कि हाल के कà¥à¤› सालों में à¤à¤¾à¤°à¤¤ और अमेरिका सैनà¥à¤¯ लिहाज से और नजदीक आठहैं. वॉशिंगà¥à¤Ÿà¤¨ ने तो यहां तक कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ उसका पà¥à¤°à¤®à¥à¤– रकà¥à¤·à¤¾ साथी है और दोनों देशों के बीच कई सà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ पर आपसी रकà¥à¤·à¤¾ संबंध हà¥à¤ हैं. सीà¤à¤¨à¤à¤¨ की मानें तो अब चीन के साथ हिमालय के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में यà¥à¤¦à¥à¤§ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में अमेरिका इंटेलिजेंस और निगरानी के तौर पर à¤à¤¾à¤°à¤¤ को यà¥à¤¦à¥à¤§à¤à¥‚मि के सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ बà¥à¤¯à¥‹à¤°à¥‡ देकर मदद कर सकता है.
इस मदद से कà¥à¤¯à¤¾ होगा? तो यह मदद कारगिल वॉर के समय अमेरिका ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ को देने से मना कर दिया था इस कारण ऊà¤à¤šà¥€ चोटी पर बैठी पाक सेना की गतिविधियों का à¤à¤¾à¤°à¤¤ को सà¥à¤ªà¤·à¥à¤ पता नहीं चल पाया था लेकिन इस बेलफर रिपोरà¥à¤Ÿ के हवाले से कहा गया है कि अगर चीन अपने अंदरूनी इलाकों से à¤à¤¾à¤°à¤¤ की पहाड़ी सीमाओं तक अपनी फौजें लेकर आता है, तो अमेरिका अपनी तकनीक के जरिये à¤à¤¾à¤°à¤¤ को अलरà¥à¤Ÿ करेगा. इससे मदद यह होगी कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ हमले का जवाब देने के लिठअपनी तरफ से अतिरिकà¥à¤¤ फौजों की तैयारी कर सकेगा.
अमेरिका के अलावा, जापान, फà¥à¤°à¤¾à¤‚स और ऑसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ के साथ à¤à¤¾à¤°à¤¤ संयà¥à¤•à¥à¤¤ सैनà¥à¤¯ अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ कर चà¥à¤•à¤¾ है. सीà¤à¤¨à¤à¤à¤¸ की रिपोरà¥à¤Ÿ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• कहा गया है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ के साथ अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करने वाले पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ सैनà¥à¤¯ दलों ने हमेशा à¤à¤¾à¤°à¤¤ के दलों की कà¥à¤°à¤¿à¤à¤Ÿà¤¿à¤µà¤¿à¤Ÿà¥€ और खà¥à¤² को हालात के हिसाब से ढाल लेने की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ की à¤à¤°à¤¸à¤• तारीफ की है. चीन के साथ यà¥à¤¦à¥à¤§ के हालात में à¤à¤¾à¤°à¤¤ इन देशों से सहयोगी की अपेकà¥à¤·à¤¾ करेगा.
इस तरह के सैनà¥à¤¯ अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ के हिसाब से देखा जाठतो चीन के अब तक पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ काफी शà¥à¤°à¥‚आती रहे हैं. हालांकि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ और रूस के साथ संयà¥à¤•à¥à¤¤ सैनà¥à¤¯ अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में काफी à¤à¤¡à¤µà¤¾à¤‚सà¥à¤¡ तकनीकों का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— हो चà¥à¤•à¤¾ है. पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ और रूस को चीन का रणनीतिक साथी माना जा रहा है लेकिन रूस अब तक तटसà¥à¤¥ रहा है. इस बार वह चीन का साथ दे सकता है या नहीं, इसे लेकर अब तक à¤à¥€ संशय ही है. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि 1962 के यà¥à¤¦à¥à¤§ में à¤à¥€ रूस यह कहकर पीछे हट गया था कि चीन उसका à¤à¤¾à¤ˆ है और à¤à¤¾à¤°à¤¤ उसका दोसà¥à¤¤ इस बार à¤à¥€ कà¥à¤› à¤à¤¸à¥€ ही समà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ जताई जा रही है. रूस के अलावा अलावा, उतà¥à¤¤à¤° कोरिया और मिडिल ईसà¥à¤Ÿ के किसी देश का चीन को मिलने के à¤à¥€ कयास हैं.
लेकिन यहाठà¤à¤• चीज और à¤à¥€ है बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¥‡à¤¨ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ बोरिस जॉनसन ने मई के आखिर में à¤à¤• नठअंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ मंच डी10 का आइडिया उछाला, जो असà¥à¤² में 10 लोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤• शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का गठबंधन होगा. इस गठबंधन में जी7 के सात देश कैनेडा, फà¥à¤°à¤¾à¤‚स, जरà¥à¤®à¤¨à¥€, इटली, जापान, यूके और अमेरिका तो शामिल होंगे ही, साथ में à¤à¤¾à¤°à¤¤, दकà¥à¤·à¤¿à¤£ कोरिया और ऑसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¥€ इसका हिसà¥à¤¸à¤¾ होंगे. इस गठबंधन का मकसद पूरी तरह से साà¤à¤¾ लाठऔर चीन के खिलाफ रणनीतिक à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿà¤¤à¤¾ बताया जा रहा है. ताजा सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ इस पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ को ठà¥à¤•à¤°à¤¾à¤à¤—ा नहीं, बलà¥à¤•à¤¿ इसमें सà¤à¥€ देशों से सैनà¥à¤¯ सहयोग की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ à¤à¥€ ढूंॠसकता है.
अब तीसरा सवाल ये है कि चीन à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ करेगा लदà¥à¤¦à¤¾à¤– और सिकà¥à¤•à¤¿à¤® की à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सीमाओं के पास तीन-चार सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर चीनी सेनाओं के असाधारण जमावड़े का संदेश कà¥à¤¯à¤¾ है ? तो अपने सीमा-पार कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में चीन ने पहले से मजबूत सड़कें, बंकर और फौजी अडà¥à¤¡à¥‡ बना रखे हैं. अब हर चैकी पर उसने अपनी सेना की संखà¥à¤¯à¤¾ बà¥à¤¾ दी है इसके अलावा à¤à¤¾à¤°à¤¤ में काम कर रहे चीनी करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, अफसरों और यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को वापस चीन ले जाने की कल अचानक घोषणा हà¥à¤ˆ है. किसी देश से अपने नागरिकों की इस तरह की थोक-वापसी का कारण कà¥à¤¯à¤¾ हो सकता है ? यह सवाल à¤à¥€ यà¥à¤¦à¥à¤§ की ओर इशारा कर रहा है. हालाà¤à¤•à¤¿ डोकलाम विवाद के समय à¤à¥€ चीन ने à¤à¤¸à¥€ कà¥à¤› घोषणा की थी.
लेकिन अपने नागरिकों की इस तरह की सामूहिक वापसी कोई à¤à¥€ देश तà¤à¥€ करता है, जब उसे यà¥à¤¦à¥à¤§ का खतरा हो. लेकिन कà¥à¤› विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ यह à¤à¥€ कयास लगा रहे है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ से à¤à¤¿à¥œà¤•à¤° चीन दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ बंटाने की रणनीति बना रहा है यानि चीन चाहता है कि कोरोना की विशà¥à¤µ-वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€ महामारी फैलाने में चीन की à¤à¥‚मिका को à¤à¥‚लकर लोगों का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤-चीन यà¥à¤¦à¥à¤§ के मैदान में à¤à¤Ÿà¤• जाà¤.
उनका मानना यह à¤à¥€ है कि चीन से उखड़नेवाले अमेरिकी उदà¥à¤¯à¥‹à¤—-धंधे à¤à¤¾à¤°à¤¤ की à¤à¥‹à¤²à¥€ में न आन पड़ें, इसकी चिंता à¤à¥€ चीन को सता रही है. à¤à¤¾à¤°à¤¤ से à¤à¤¿à¥œà¤•à¤° वह अपनी शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ ता सिदà¥à¤§ करना चाहता है और अपनी à¤à¥œà¤¾à¤¸ à¤à¥€ निकालना चाहता है.
उपरोकà¥à¤¤ सारे तरà¥à¤• और तथà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ तो हैं लेकिन लगता कि वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ या चीन यà¥à¤¦à¥à¤§ करने की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में हैं. जो चीन जापान और ताइवान को गीदड़ à¤à¤à¤•à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ देता रहा और जो दकà¥à¤·à¤¿à¤£ कोरिया और हांगकांग को काबू नहीं कर सका, वह à¤à¤¾à¤°à¤¤ पर हाथ डालने का दà¥à¤¸à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¸ कैसे करेगा, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ करेगा ?
लेकिन यहाठà¤à¤• चीज और सामने आती है, जरूरी यह देखना है कि चीन की वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• चिंताà¤à¤‚ कà¥à¤¯à¤¾ हैं जिनसे हमारे देश में कà¥à¤› लोग दà¥à¤¬à¤²à¥‡ हà¥à¤ जा रहे हैं. दरअसल, अà¤à¥€ चीन की कई चिंताà¤à¤‚ हैं. पहले दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ तिबà¥à¤¬à¤¤à¥€ à¤à¤‚डे में लिपटी तà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤¦à¥€ और थà¥à¤¯à¥‡à¤†à¤¨à¤®à¤¨ चैक पर टैंकों के पहिठके नीचे दबे सपनों को ही देखती थी, वह à¤à¥€ रसà¥à¤®à¥€ तौर पर. किनà¥à¤¤à¥ विशà¥à¤µ की तंतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾à¤“ं में वायरस फैलाने के बाद से अपने लिठतिरसà¥à¤•à¤¾à¤° की वैशà¥à¤µà¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से वह चिंतित है. जिस देश पर चीन à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और जनà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं को ठेलते हà¥à¤ कबà¥à¤œà¤¾ जमाठबैठा है उस तिबà¥à¤¬à¤¤ की निरà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ सरकार के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ ने कहा है कि लदà¥à¤¦à¤¾à¤–, सिकà¥à¤•à¤¿à¤® तथा अरà¥à¤£à¤¾à¤šà¤² à¤à¤¾à¤°à¤¤ के अà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤— हैं! चीन के पेट में मरोड़ इस बयान से à¤à¥€ है.
इसके अलावा अà¤à¥€ हाल ही में थà¥à¤¯à¥‡à¤†à¤¨à¤®à¤¨ कांड की बरसी गà¥à¤œà¤°à¥€ है और चीन नहीं चाहता कि उसकी जनता या फिर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के कानों में उन 10 हजार बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की चीखें ताजा हो जाà¤à¤‚. डà¥à¤°à¥ˆà¤—न की चिंता हांगकांग में दिनोंदिन तेज होते पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ को कà¥à¤šà¤²à¤¨à¥‡ की है. उसकी चिंता ताईवान की आवाज को दबाने की है. वही ताईवान जो किसी à¤à¥€ तरह दबाव में नहीं आ रहा है. अमेरिका से लड़ाकू विमान हासिल करने के बाद अà¤à¥€ उसने 18 करोड़ डॉलर का टारपीडो खरीद समà¤à¥Œà¤¤à¤¾ किया है. और तो और, कंपà¥à¤¯à¥‚टर सिमà¥à¤²à¥‡à¤¶à¤¨ टेसà¥à¤Ÿ के बाद यह सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ à¤à¥€ कर दिया है कि अगर चीन के साथ पानी में जंग हà¥à¤† तो उसके पास अà¤à¥€ चीन के आधे बेड़े को ही डà¥à¤¬à¥‹à¤¨à¥‡ की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ है इसलिठवह और मिसाइल खरीदेगा.
तिबà¥à¤¬à¤¤ के तेवर चीनी सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ को पलीता लगाà¤à¤‚, हांगकांग की अंगड़ाई डà¥à¤°à¥ˆà¤—न की अकल ढीली करे, ताईवान की ताकत चीन की तेजी और को पसà¥à¤¤ करे, थà¥à¤¯à¥‡à¤†à¤¨à¤®à¤¨ पर कà¥à¤šà¤²à¥‡ गठबचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का खून लाल à¤à¤‚डे की असलियत बताà¤... यह सब चीन को बरà¥à¤¦à¤¾à¤¶à¥à¤¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ होगा à¤à¤²à¤¾! लेकिन चीन थà¥à¤¯à¥‡à¤†à¤¨à¤®à¤¨, हांगकांग, तिबà¥à¤¬à¤¤ और ताईवान से à¤à¤¾à¤— नहीं सकेगा, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ये उसकी परछाई हैं और कोरोना काल में दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को आतà¥à¤®à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ की जो रोशनी मिली है, उसमें यह परछाई और सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ दिख रही है. हांगकांग में अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥€ शासन के खिलाफ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ करते यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को थà¥à¤¯à¥‡à¤†à¤¨à¤®à¤¨ चैक की कहानी पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करती है और इस पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ के वापस मà¥à¥œà¤•à¤° उसी खूनी चैक पर पहà¥à¤‚च जाने से इनकार नहीं किया जा सकता. ताईवान के पास नैतिक बल है और अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ समरà¥à¤¥à¤¨ à¤à¥€. इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति बीजों ने चीन के होश उड़ा रखे हैं. चारों तरफ से घिरे चीन की चिंता à¤à¤• अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ विवाद पैदा करना चाहती है.
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